आचार्य प्रशांत का जीवन परिचय | Acharya prashant biography in hindi
आचार्य प्रशांत का जन्म 7 मार्च 1978 को आगरा, उत्तर प्रदेश में हुआ था | इनका बचपन का नाम प्रशांत त्रिपाठी था | आचार्य प्रशांत 2023 में 45 वर्ष के हो चुके हैं |
आचार्य प्रशांत कौन है
आज हम जानेंगे आचार्य प्रशांत का जीवन परिचय (acharya prashant ka jivan parichay), पहले हम बात करते हैं कि आचार्य प्रशांत कौन हैं, तो आपको जानकारी के लिए बता दूं, इनका मूल नाम प्रशांत त्रिपाठी हैं , जिनको हम आचार्य प्रशांत के नाम से जानते हैं |
यह लेखक हैं और एक अद्वैत शिक्षक भी हैं | यह 17 प्रकार की गीता को पढ़ाते हैं और विभिन्न 60 प्रकार के उपनिषद पढ़ाते हैं | आचार्य प्रशांत जो कि प्रशांत अद्वैत फाउंडेशन एक गैर लाभकारी संगठन के संस्थापक भी हैं
आचार्य प्रशांत सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों का मार्गदर्शन करते हैं और उनको मोटिवेट करते हैं |
आचार्य प्रशांत की जीवनी
आचार्य प्रशांत का जन्म 7 मार्च 1978 को आगरा, उत्तर प्रदेश में हुआ था | इनका बचपन का नाम प्रशांत त्रिपाठी था | आचार्य प्रशांत 2023 में 45 वर्ष के हो चुके हैं |
आचार्य प्रशांत का परिवार
आचार्य प्रशांत के पिता का नाम गौरीशंकर है जो की एक सरकारी नौकर शाह थे और इनकी माता का नाम सावित्री जो की एक ग्रहणी थी | आचार्य प्रशांत ने शादी नहीं की ये अविवाहित है | यह तीन भाई बहन थे जिनमें से सबसे बड़े आचार्य प्रशांत ही हैं |
आचार्य प्रशांत की शिक्षा
यह बचपन से ही तेज बुद्धि वाले व्यक्ति थे, जब आचार्य प्रशांत की प्राथमिक शिक्षा पूरी हो गई उसके बाद इन्होंने आगे की पढ़ाई लखनऊ, उत्तर प्रदेश के स्कूल से की जहां से उन्होंने ग्रेजुएशन किया | और इसके बाद उनके पिता का ट्रांसफर हो गया जो की एक सरकारी कर्मचारी थे | इनके पिता का ट्रांसफर गाजियाबाद में हुआ था उसके बाद इन्होंने आगे की पढ़ाई ग्रेजुएशन करने के लिए IIT JEE का एग्जाम दिया |
और आचार्य प्रशांत के कड़ी मेहनत करने के पश्चात 1999 में इस परीक्षा में सफलता हासिल की | उसके बाद आचार्य प्रशांत का एडमिशन आईआईटी दिल्ली में हो गया जहां से इन्होंने बीटेक की पढ़ाई पूरी की | उसके बाद इन्होंने 2003 में पोस्ट ग्रेजुएट आईआईएम, अहमदाबाद से किया था |
आचार्य प्रशांत आईएएस रैंक
उसके बाद इन्होंने 2006 में सिविल सेवा परीक्षा पास की | और यूपीएससी की इस परीक्षा में इन्होंने 184 रैंक हासिल की और उसके बाद प्रशासनिक सेवा अधिकारी बनकर कुछ समय तक देश की सेवा की |
प्रशांत अद्वैत फाउंडेशन
आचार्य प्रशांत जी, प्रशांत अद्वैत फाउंडेशन के संस्थापक हैं जो की एक गैर लाभकारी संगठन है यह संस्थान ग्रेटर नोएडा में स्थित है इस संस्था को खोलने का आचार्य प्रशांत का एक ही उद्देश्य है कि आज की दुनिया में प्रत्येक व्यक्ति के भीतर असत्य छुपा हुआ है हमारा समाज भ्रांतियां से भर चुका है आज हर व्यक्ति छोटी-छोटी बात पर झूठ बोलता है और इस झूठ को खत्म करने के लिए आचार्य प्रशांत ने इस संस्था को बनाया है |
इस संस्था का केवल एक ही उद्देश्य है कि मनुष्य को उसके अपने जीवन के प्रति वैज्ञानिक और आध्यात्मिक दृष्टि के लिए प्रेरित करना है | और आज आचार्य प्रशांत हर व्यक्ति को भारत के धर्म, ग्रंथ, संस्कृत और उपनिषदों का ज्ञान देते हैं |
आचार्य प्रशांत का करियर
आचार्य प्रशांत का करियर आध्यात्मिक गुरु, लेखक और संवाददाता के रूप में है, जिनका मुख्य उद्देश्य आध्यात्मिक जागरूकता बढ़ाना और मानवता के सुधार के माध्यम से समाज को सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ने की प्रेरणा देना है।
आचार्य प्रशांत ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी, लेकिन उनकी आध्यात्मिक खोज ने उन्हें उनके करियर की दिशा में नया मार्ग दिखाया। उन्होंने ‘प्रशांत अद्वैत फाउंडेशन’ संगठन की स्थापना की जिसका मुख्य उद्देश्य युवाओं को आध्यात्मिक ज्ञान और आध्यात्मिक उन्नति की दिशा में प्रेरित करना था। वे विशेष रूप से युवाओं के बीच में आध्यात्मिकता को प्रमोट करने के लिए काम करते हैं और उन्हें जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए सहायता करते हैं।
उन्होंने अपने उपदेशों को विश्वभर में फैलाने के लिए विभिन्न संवादों, टॉक शोज और समारोहों में भाग लिया है। उनकी किताबें भारतीय और विदेशी प्रकाशकों द्वारा प्रकाशित हो रही हैं और उन्होंने विभिन्न आध्यात्मिक विषयों पर लेखन किया है।
आचार्य प्रशांत का करियर आध्यात्मिकता, जीवन के मूल सिद्धांत, सुख-शांति, सफलता, और समाज में सुधार की दिशा में है। उनका योगदान आध्यात्मिक ज्ञान और मानवता के मूल्यों को प्रमोट करने में है और उनके उपदेश समृद्धि और सकारात्मक परिवर्तन की दिशा में लोगों को मार्गदर्शन करने में मदद करते हैं।
आचार्य प्रशांत से कैसे मिले (how to meet acharya prashant)
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आचार्य प्रशांत अवार्ड
मुंबई में Peta द्वारा आचार्य प्रशांत को ‘Most Influential Vegan of the Year’ के अवार्ड से सम्मानित किया गया है | समारोह मे उपस्थित अतिथियों को सम्मिलित करते हुए आचार्य प्रशांत ने समझाया है कि किस प्रकार मांसाहारी इस युग की सबसे बड़ी समस्या यानी क्लाइमेट चेंज के बिल्कुल केंद्र में है उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया है कि पशुओं का पर्यावरण की प्रति संवेदना प्रत्येक व्यक्ति के आंतरिक विकास के लिए अति आवश्यक है |
इस कार्यक्रम के अंत में जितने लोग भी यहां उपस्थित थे उनको आचार्य प्रशांत की पुस्तक ‘Is she just food to you? व जाका गला तुम काटीहो’ Peta व प्रशांत अद्वैत संस्था द्वारा उपहार स्वरूप भेंट की गई है | जिससे अधिक – अधिक लोग वीगनइस्म के आध्यात्मिक पहलू को गहराई से जान पाए |
आचार्य प्रशांत की किताबें
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पूछे जाने वाले प्रश्न ( FAQ )
1) आचार्य प्रशांत का जन्म कब हुआ था?
आचार्य प्रशांत का जन्म 7 अप्रैल 1978 को हुआ था।
2) अद्वैत फाउंडेशन आचार्य प्रशांत कहां है?
यह फाउंडेशन ग्रेटर नोएडा में स्थित है |
3) आचार्य प्रशांत की शिक्षा का विवरण क्या है?
उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली और गुरुग्राम के स्कूलों से प्राप्त की और फिर दिल्ली विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की।
4) आचार्य प्रशांत ने किस कारणवश आध्यात्मिक मार्ग पर चलने का निर्णय लिया?
आचार्य प्रशांत की आध्यात्मिक उपयोगीता की खोज ने उन्हें उनके करियर की दिशा में नया मार्ग दिखाया, और उन्होंने इंजीनियरिंग के क्षेत्र को छोड़कर आध्यात्मिकता का मार्ग अपनाया।
5) आचार्य प्रशांत के द्वारा स्थापित ‘प्रशांत अद्वैत फाउंडेशन’ क्या है?
‘प्रशांत अद्वैत फाउंडेशन’ एक आध्यात्मिक संगठन है जिसका उद्देश्य युवाओं को आध्यात्मिक ज्ञान और उन्नति की दिशा में प्रेरित करना है।
6) आचार्य प्रशांत की लिखी पुस्तकें कौन-कौन सी हैं?
आचार्य प्रशांत ने विभिन्न आध्यात्मिक विषयों पर कई पुस्तकें लिखी हैं, जिनमें उन्होंने जीवन के मूल सिद्धांत, सुख-शांति, समाज में उत्तमता, और आध्यात्मिकता पर बल दिया है।
7) आचार्य प्रशांत का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उनका मुख्य उद्देश्य समाज को सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करना है और व्यक्तिगत और सामाजिक सुधार के माध्यम से एक बेहतर दुनिया की ओर सभी को मार्गदर्शन करना है।
8) आचार्य प्रशांत के विचारों का प्रसार कैसे होता है?
आचार्य प्रशांत अपने विचारों और उपदेशों को विभिन्न संवादों, टॉक शोज, सेमिनारों, सोशल मीडिया और समारोहों में शेयर करते हैं, ताकि वे विभिन्न जगहों पर पहुँच सकें और लोगों को प्रेरित कर सकें।