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देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज का जीवन परिचय | Devkinandan Thakur Biography In Hindi

देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज का जीवन परिचय | Devkinandan Thakur Biography In Hindi

नमस्कार दोस्तों आज आपको हम देवकीनंदन ठाकुर महाराज जी के बारे में जानकारी देंगे, यह कथावाचक व धार्मिक आध्यात्मिक गुरु है, इनके द्वारा समाज को धर्म के रास्ते अच्छे कार्य करने के लिए प्रेरित किया जाता हैं।

इनके द्वारा सनातन समाज मे फैले गलत धार्मिक जनकारी को खंडन करने का प्रयास किया जाता रहा है. इन्हें अपने कई टीवी चैनल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और टीवी डिबेट में डिबेट में देखा होगा. कृष्ण जन्मभूमि विवाद मे इन्होंने टीवी डिबेट के माध्यम से कई जानकारी प्रदान करी है।

देवकीनंदन ठाकुर महाराज कौन है ? (Devkinandan Thakur Kaun Hai)

देवकीनंदन ठाकुर महाराज कौन है ? (Devkinandan Thakur Kaun Hai)

देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज बहुत ही प्रसिद्ध कथा वाचक और आध्यात्मिक गुरु है। इनके द्वारा भागवत गीता, श्री राम कथा, शिव पुराण, देवी भागवत, आदि कथाओं का बहुत ही मधुर वाचन किया जाता है, यह लोगों के बीच काफी प्रसिद्ध है ।

कई न्यूज़ चैनल की डिबेट में देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज ने हिंदू पक्ष का बहुत ही जोरदार तरीके से साथ दिया है. इनकी कथा में लाखों लोगों का जनसैलाब उमड़ता है. देश-विदेश में भी इनके कई चाहने वाले हैं ।

देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज का जीवन परिचय | Devkinandan Thakur Biography In Hindi

नामश्री देवकीनन्दन ठाकुरजी
उपनामदेवकीनन्दन
जन्म12 सितम्बर 1978 (43 वर्ष, 2024 तक)
जन्मस्थानओहवा गांव (उत्तरप्रदेश)
व्यवसाय (Profession)भागवताचार्य, कथा वाचन
वैवाहिक स्थितिविवाहित
राशिमीन राशि
राष्ट्रीयताभारतीय
धर्महिन्दू
गुरुश्री पुरुषोत्तम शरण शास्त्री महाराज
परिवारपिता राजवीर शर्मा तथा माता जी का नाम अनुसूया देवी है
वाइफ का नाम अंधमाता है
निवासमथुरा
नेटवर्थ8 से 10 करोड रुपए
Devkinandan Thakur Biography In Hindi

देवकीनंदन ठाकुर महाराज जी की उम्र (Shri Devkinandan Thakur ji Age)

देवकीनंदन ठाकुर महाराज का जन्म 12 सितंबर 1978 को उत्तरप्रदेश के मथुरा जिले के ओहवा गांव में हुआ था इनकी उम्र 46 वर्ष है.

देवकीनंदन ठाकुर का परिवार (Devkinandan Thakur Family)

देवकीनंदन ठाकुर का परिवार (Devkinandan Thakur Family)

इनके पिताजी का नाम राजवीर शर्मा तथा माता जी का नाम अनुसूया देवी है, इनका परिवार शुरू से ही कृष्ण भक्ति और लोक कथाओं का पाठ करता रहा है, उनके माता पिता मथुरा में ही निवास करते हैं.

देवकीनंदन ठाकुर महाराज का जन्म, पढ़ाई, शुरुआती जीवन (Devkinandan Thakur ji Maharaj ka Jivan Parichay)

देवकीनंदन ठाकुर महाराज का जन्म 12 सितंबर 1978 को उत्तरप्रदेश के मथुरा जिले के ओहवा गांव में हुआ था, इनका परिवार ब्राह्मण परिवार है तथा इनके माता-पिता कृष्ण भक्ति तथा लोक कथाओं का पाठ करते है. बचपन से ही घर में बहुत ज्यादा धार्मिक माहौल रहने के कारण उनकी रुचि धार्मिक पार्वती के कार्यों में ही जागृत हुई ।

उपलब्ध जानकारी के अनुसार इन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने गांव से ही पूरी की तथा कृष्ण कथाओं का प्रभाव बहुत ज्यादा होने के कारण इन्होंने 6 वर्ष की उम्र में अपना अच्छा घर छोड़कर वृंदावन में रहने पहुंच गए थे ।

Devkinandan Thakur ji with PM Narendr Modi & Hema Malini
Devkinandan Thakur ji with PM Narendr Modi & Hema Malini

अपनी पढ़ाई में इन्होंने अंग्रेजी भाषा में ग्रेजुएशन की डिग्री पूरी की है इसके अतिरिक्त उन्होंने आध्यात्मिक ज्ञान तथा वैदिक ज्ञान को भी प्राप्त किया है सनातन संस्कृति से जुड़े लगभग सभी प्रकार के धर्म ग्रंथो का इन्होंने बहुत ही बारीकी से अध्ययन किया है तथा इन्हें श्रीमद् भागवतगीता कंठस्थ याद है, इन्होने अपनी बोलने की कला को बहुत ही अच्छे से विकसित किया है।

इन्होंने ब्रिज के प्रसिद्ध रसाली संस्थान में भाग लिया, जहां पर भगवान कृष्ण और भगवान श्री राम के रूपों का प्रदर्शन किया जाता है. श्री धाम वृंदावन में देवकीनंदन महाराज जी को उनके गुरु श्री सद्गुरु अंगद विभूति भागवत आचार्य पुरुषोत्तम शास्त्री से मुलाकात हुई, इन्हीं से उन्होंने कई प्राचीन शास्त्रों की शिक्षा प्राप्त की. इनके गुरुजी निम्बार्क सम्प्रदाय से संबंधित है।

देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज का करियर (Devkinandan Thakur ji Career in Hindi)

बचपन से ही धार्मिक गतिविधि और कृष्ण कथाओं में रहने के कारण इनका अंतरमन भगवान के प्रति समर्पित हो गया, बचपन से ही उन्होंने अपने माता-पिता से कृष्ण जी की कथाओं को सुना था ।

इसका असर इस प्रकार हुआ, कि देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज वृंदावन आकर कृष्ण लीला मंडली में शामिल हो गए इस मंडली में कृष्ण की लीलाओं को दिखाया जाता था, कृष्ण लीला में वह इस प्रकार खो जाते थे कि लोगों को उनके अंदर ही कृष्ण देखने लगते थे, यही कारण है कि लोगों ने ठाकुर जी के नाम से भी पुकारते हैं।

वृंदावन में रहते हुए उन्होंने अपने गुरु जी श्री पुरुषोत्तम शरण शास्त्री महाराज से कई प्राचीन ग्रंथो का अध्ययन प्राप्त किया और फिर उन्होंने कथाओं का वचन का कार्य प्रारंभ किया इन्होंने अपने बोलने की क्षमताओं को अच्छे से निखारते हुए कृष्ण कथाओं के माध्यम से जनमानस में आपसी प्रेम सद्भाव और साथ में रहने के विचार को फैलाया।

समाज की कई बुराइयों को इन्होंने स्पष्ट रूप से दूर करने का बोला. मात्र 13 वर्ष की आयु में श्री देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज ने गुरु जी के आशीर्वाद से श्रीमद् भागवत महापुराण को सीख लिया था और वह हर दिन महापुराण के कुछ छंदों का पाठ किया करते थे तब तक वह कुछ भी ग्रहण नहीं करते थे, इन्होंने 1977 से प्रेरणादायक कथाओं जैसे श्रीमद् भागवत कथा राम कथा शिव पुराण देवी भागवत भागवत गीता का कथावाचन प्रारंभ किया। इनकी कथाओं में बहुत ज्यादा भीड़ होती है लाखों लोग इनकी कथाओं में आते हैं समाज मे बुराइयों को दूर करने का संदेश यह देते हैं।

2001 में इन्होंने पहली बार विदेश में कथा का आयोजन किया इसके बाद उन्होंने सिंगापुर मलेशिया स्वीडन लैंडमार्क नॉर्वे में भी अपनी कथाओं का वाचन किया. उनके द्वारा अब तक देश-विदेश में 1000 से अधिक कथाएं करी जा चुकी हैं.
इनके द्वारा 2018 में एससी एसटी एक्ट के खिलाफ भी प्रदर्शन किए गए थे तथा जेल भी गए थे उनका कहना है कि SC/ST एक्ट के कारण कई भोले भाले लोगों का जीवन खराब किया जा रहा है।

देवकीनंदन ठाकुर जी के संगठन अन्य धार्मिक कार्य

देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज द्वारा 20 अप्रैल 2006 में विश्व “शांति सेवा चैरिटेबल ट्रस्ट” विश्वव्यापी शांति की स्थापना करी गई जिसके माध्यम से इन्होंने अपने देश की विभिन्न जगहों पर कथाओं का आयोजन किया जहां से उन्होंने शांति यात्राओं का आयोजन भी किया।

इस संस्था के बहुत सारे प्रमुख उद्देश्य हैं जिसमें गौ रक्षा अभियान,गंगा यमुना प्रदूषण मुक्त, पर्यावरण संरक्षण, दहेज प्रथा, छुआछूत और आज के आधुनिक युवाओं को भारतीय संस्कृति के प्रति जागृत करने का उद्देश्य है।

Devkinandan Thakur ji with Dheerendra Shastri
Devkinandan Thakur ji with Dheerendra Shastri

इनके द्वारा गौ रक्षा के प्रति जागरूकता को लेकर कई शहरों में रैलियां निकाली गई जिसमें इन्होंने भागलपुर मुंबई, कानपुर, नागपुर, वृंदावन, नर्मदापुरम, बिलासपुर जैसे शहरों में विशाल गौ रक्षा रैली का आयोजन किया ।

देवकीनंदन ठाकुर महाराज की शादी व पत्नी (Devkinandan Thakur Wife Photo)

देवकीनंदन ठाकुर महाराज की शादी व पत्नी (Devkinandan Thakur Wife Photo)

उपलब्ध जानकारी के अनुसार उनकी शादी को 15 साल हो चुके हैं उनकी वाइफ का नाम अंधमाता है, और उनके पुत्र का नाम देवांश है ।

देवकीनंदन ठाकुर जी को दिए गए सम्मान

उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा इन्हें यूपी रत्न सम्मान दिया गया है. इसके अलावा श्री ब्राह्मण महासंघ समाज द्वारा देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज को आचार्योंदी के पद से सम्मानित किया गया है।

इसके अलावा उन्हें श्री निंबार्क संप्रदाय के युवराज श्री श्याम शरण देवाचार्य ने कहां कि जिस प्रकार भगवान श्री कृष्ण महाभारत के युद्ध में दुर्योधन के पास शांति संदेश भेजने के लिए शांति दूत के रूप में गए थे ठीक उसी प्रकार ठाकुर जी शांतिपूर्ण है जो अपने आध्यात्मिक ज्ञान तथा प्रवचन भागवत कथाओं के माध्यम से दुनिया में शांति स्थापित करने के लिए मेहनत कर रहे हैं और इन्हें शानिदिद के पद से सम्मानित किया है ।

देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज की संपत्ति व नेटवर्थ (Devkinandan Thakur ji Net worth)

वर्तमान समय में देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज बहुत ही लोकप्रिय कथावाचक बन चुके हैं उनकी भागवत कथा कृष्ण कथा राम कथा तथा प्राचीन ग्रंथो की कथाओं में लाखों लोग शामिल होते हैं प्रत्येक कार्यक्रम के लिए यह 10 से 12 लख रुपए से ज्यादा चार्ज करते हैं तथा उनकी कुल संपत्ति 8 से 10 करोड रुपए बताई जाती है यहां पर बताई गई संपत्ति इंटरनेट पर उपलब्ध विभिन्न जानकारी के माध्यम से बताई गई है तो इसकी सटीकता की पुष्टि हम नहीं करते हैं ।

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